उठते हैं
संभलते हैं
चलते हैं
कदम एक कदम
पहोचेंगे मंजिल पे
बैठेंगे साहिल संग
बरसते हैं आँखों से
छुपते हैं
मिटते हैं
मुस्कुराते हैं
भीगे अनभीगे मन
बेरंग रंगों को
रंगीन कर लेगा जीवन
झुंझते हैं कल से
लड़खड़ाते हैं
थकते हैं
जीतते हैं
अरमां दबंग जंग
सफ़र की राहें हों
अपने अफसानों में मगन
चल मेरे संग
तोड़ लायें तारे चंद
अपना सा बीहड़ जो लगे
मेहकालें मंद मंद
जिंदगी के नाम
जाम करे ऐसी तरंग
बिन तारों के अकेली
रात करे टम टम
काली चादर भी दे
सतरंगी का भ्रम
जुगनुओं से बुनें हम
उम्मिदों की पतंग
एक कोना चाँद का
जिसपे हो मेरा ही रंग
एक टुकड़ा आसमान का
एक मुठ्ठी भुवन
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