Tuesday, October 3, 2017

तू आधार मेरा...

तू भूमि, मैं एक अदना सा कण
तू जल, मैं एक बूंद जीवन
तू ध्वनि, तो मैं एक भीनी सी धुन
तू रेशम, मैं कपास की कच्ची सी बुन

तू बन, मैं उसमें बेल कोमल
तू हवा, मैं उसका वेग चंचल
तू चन्दा, तो मैं बस एक छल
तू प्रकाश, तुझमें मेरा सब ओंझल

तू ज्वाला, मैं ज्योत झिलमिल
तू निडर, मैं कांपता सा दिल
तू आंचल, मैं कतरन की सिल
तू खरा सोना, मैं सबकी घुलमिल

तू आधार माँ...
तू आधार...
तेरे बिन मैं कुछ नहीं...
कुछ भी तो नहीं...

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